राष्ट्रपति ने जब दस अप्रैल को बिहार की छह सीटों के मतदान के लिए
अधिसूचना जारी की तो इसी के साथ देश में सोलहवें लोकसभा चुनावों के लिए अब
तक की सबसे लंबे नौ चरणों में होने वाली चुनाव प्रक्रिया की आज औपचारिक
शुरूआत हो गयी. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल की
सिफारिश पर इन चुनाव क्षेत्रों में वोटिंग के लिए अधिसूचना जारी की. चुनाव
आयोग ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल को चुनाव कार्यक्रम भेजा था.
आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम
विधानसभा चुनावों के लिए अधिसूचना संबंधित राज्यों के राज्यपाल द्वारा जारी
की जायेंगी. लोकसभा चुनाव के लिए पहली अधिसूचना हालांकि 22 मार्च को बिहार
में पड़ने वाली छुट्टी के साथ कुछ प्रशासनिक कारणों के चलते दस अप्रैल को
होने वाली वोटिंग के तीसरे चरण से संबंधित है.
दूसरी अधिसूचना शुक्रवार को जारी होगी जिसमें सात
अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग में आने चुनाव निर्वाचन क्षेत्र और राज्य कवर
होंगे. इसमें असम के पांच और त्रिपुरा का एक चुनाव क्षेत्र आयेगा. 15
मार्च को 18 राज्यों में कुल 93 चुनाव क्षेत्रों में 9 और 10 अप्रैल को
होने वाले मतदान के लिए अधिसूचना जारी होगी. 9 अप्रैल को पांच राज्यों की
नौ सीटों और दस अप्रैल को दिल्ली सहित 13 राज्यों में 86 सीटों के लिए वोट
डाले जायेंगे.
शनिवार 12 अप्रैल को तीन राज्यों में लोकसभा की 12
सीटों के लिए मतदान होगा और इसके लिए अधिसूचना 19 मार्च को जारी होगी. तेरह
राज्यों में लोकसभा की 122 सीटों के लिए 17 अप्रैल को मतदान होगा, जिसके
लिए अधिसूचना 19 मार्च को जारी होगी, जबकि 24 अप्रैल को 12 राज्यों में
पड़ने वाले 117 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान के लिए अधिसूचना 29 मार्च को
जारी होगी.
नौ राज्यों में 89 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान
के लिए अधिसूचना दो अप्रैल को जारी होगी, जबकि 12 अप्रैल को एक अन्य
अधिसूचना आठवें चरण के मतदान के लिए जारी की जायेगी, जिसमें सात मई को 64
निर्वाचन क्षेत्रों में वोट पड़ेंगे. नौवें और अंतिम चरण का मतदान 12 मई हो
होगा जिसमें तीन राज्यों के 41 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाता लोकसभा के
लिए अपने प्रतिनिधि का चुनाव करेंगे. इसके लिए अधिसूचना 17 अप्रैल को जारी
होगी.
अरूणाचल प्रदेश में एक ही दिन 9 अप्रैल को वहां की दो
लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होगा. 14 लोकसभा सीट वाले असम में 7, 12 और 24
अप्रैल को तीन दिन वोट डाले जाएंगे. लोकसभा की 40 सीटों का प्रतिनिधित्व
करने वाले बिहार में 6 दिन यानी 10, 17, 24, 30 अप्रैल और 7 और 12 मई को
मतदान होंगे.
नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ से 11 लोकसभा सदस्यों को
चुनने के लिए तीन दिन 10, 17 और 24 अप्रैल को चुनाव कराना तय पाया गया है. 2
लोकसभा सीटों का प्रतिनिधित्व करने वाले गोवा में एक ही दिन 17 अप्रैल को
मतदान कराने का निर्णय हुआ है. मध्य प्रदेश में 29 सीटों और महाराष्ट्र में
48 सीटों के लिए तीन दिन 10, 17 और 24 अप्रैल को मतदान होगा. जम्मू कश्मीर
में लोकसभा की छह सीटें हैं, वहां पांच दिन यानी 10, 17, 24, 30 अप्रैल और
7 मई को मतदान होगा.
झारखंड में लोकसभा की कुल 14 सीटों के लिए तीन दिन 10,
17 और 24 अप्रैल को मतदान होगा. गुजरात में 26 सीटों, हरियाणा में 10
सीटों और हिमाचल प्रदेश में चार सीटों के लिए एक दिन में वोट डाले जाएंगे.
गुजरात में 30 अप्रैल को हरियाणा में 10 अप्रैल को और हिमाचल में 7 मई को
वोट पड़ेंगे.
केरल में 20 सीटों और कर्नाटक में 28 सीटों के लिए भी
एक ही दिन क्रमश: 10 और 17 अप्रैल को वोट डाले जायेंगे. मणिपुर में दो
सीटों के लिए 9 और 17 अप्रैल को जबकि पड़ोसी राज्य मेघालय की दो सीटों,
मिजोरम की एक सीट और नगालैंड की एक सीट के लिए एक दिन 9 अप्रैल को मतदान
होगा.
उड़ीसा से लोकसभा की 21 सीटें हैं. यहां दो दिन मतदान
होगा. दस अप्रैल को 10 सीटों और 17 अप्रैल को 11 सीटों के लिए मतदान होगा.
इन्हीं दोनों दिन उड़ीसा विधानसभा की क्रमश: 70 और 77 सीटों के लिए भी वोट
डाले जायेंगे. पंजाब में एक दिन 30 अप्रैल को लोकसभा की 13 सीटों के लिए
मतदान होगा जबकि तमिलनाडु में 39 सीटों और पुडुचेरी में एक सीट के लिए 24
अप्रैल को तथा उत्तराखंड में पांच सीटों के लिए सात मई को चुनाव होगा.
राजस्थान से लोकसभा की 25 सीटों के लिए दो दिन मतदान
होगा. पहले दिन 17 अप्रैल को 20 सीटों के लिए तथा दूसरे दिन 24 अप्रैल को
पांच सीटों के लिए मतदान होगा . सिक्किम में लोकसभा की एक सीट और विधानसभा
की 32 सीटों के लिए एक दिन 12 अप्रैल को चुनाव होगा .
दो लोकसभा सीटों का प्रतिनिधित्व करने वाले त्रिपुरा
में दो दिन 7 और 12 अप्रैल को मतदान होगा जबकि सबसे अधिक 80 सीटों का
प्रतिनिधित्व करने वाले उत्तर प्रदेश में 6 दिन 10, 17, 24, 30 अप्रैल और 7
तथा 12 मई को चुनाव होंगे. पश्चिम बंगाल के मतदाता अपने 42 सांसदों का
चुनाव पांच दिन में यानी 17, 24, 30 अप्रैल और 7 तथा 12 मई को करेंगे.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों के लिए एक
दिन 10 अप्रैल को चुनाव होगा. अंडमान निकोबार द्वीप, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप
जैसे केन्द्र शासित क्षेत्र अपना एक-एक लोकसभा प्रतिनिधि चुनने के लिए 10
अप्रैल को मताधिकार का प्रयोग करेंगे. दादरा नागर हवेली और दमन एवं दीव
अपना अपना अकेला लोकसभा प्रतिनिधि 30 अप्रैल को चुनेंगे.
एक जनवरी 2014 को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के
अनुसार देश में 2009 में 71.3 करोड़ की तुलना में इस बार 81.45 करोड़
मतदाता हैं. यानी इस बार पिछले आम चुनाव के मुकाबले करीब 10 करोड़ अधिक
मतदाता होंगे.