
जैन मंदिर व स्थानक में चातुर्मास काल मे विराजत पूज्य गुरू भगवंतो व साध्वियां जी द्वारा भगवान महावीर स्वामी के जन्म के बारे में बताया गया किस प्रकार भगवान महावीर स्वामी माता के गर्भ में आए माता ने कितने स्वप्न देखे, इस दौरान कल्पसुत्र का वाचन किया गया, जन्मोत्सव मनाने से पूर्व दोनों उपाश्रय में चौदह स्वप्न एवं पालना झुलाने की बोलिया लगाई गई बोलियो मे जैन समाज के श्रावक व श्राविकाओ ने हिस्सा लिया तत्पश्चात् दोनों जिनालयों में आरती की गई । मंदिर व स्थानक में पयुर्षण पर्व के दौरान तप तपस्यिों की झढी लगी हुई है वही जैन समाज के श्रावको द्वारा आठो दिन तक अपने प्रतिष्ठान बंद कर धार्मिक आराधना के लिए जुटे हुए है ।