रींगस. प्रधानमंत्री के 27 जुलाई के प्रस्तावित दौरे को लेकर विभिन्न किसान संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। किसान संगठनों की ओर से अपनी मांगों को लेकर किसानों से जनसंपर्क किया जा रहा है। किसान महापंचायत राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने सोमवार को रींगस इलाके के विभिन्न गांवों का दौरा करके किसानों से जनसंपर्क किया। कस्बे के भेरूजी मोड़ स्थित तेजल शिक्षण संस्थान में पत्रकारों से वार्ता करते हुए रामपाल जाट ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का जो पार्टी कानून पहले बनाएगी आने वाले चुनाव में प्रदेश का किसान उसी पार्टी का समर्थन करेगा। दोनों ही पार्टी यदि किसानों की उपेक्षा करते हुए कानून नहीं बनाएगी तो किसान दोनों पार्टियों को हराने का काम करेंगे। केंद्र की भाजपा व प्रदेश की कांग्रेस दोनों सरकारें न्यूनतम मूल्य का कानून बना सकती हैं। जो सरकार पहले यह कानून बनाएगी उसी का किसान साथ देंगे। जाट ने कहा कि इस बार किसान खेत को पानी एवं फसलो को दाम के नाम पर वोट करेगा। किसान इस बार किसान बनकर ही वोट देंगे न की जाति, संप्रदाय, दल के नाम वोट देंगे। किसान के खेत को पानी एवं फसलो को उचित दाम मिलता है तो किसान ऋण मांगने वाली लाइन में खड़ा नजर नहीं आएगा, किसान ऋण दाता बन जाएगा। बीजेपी व कांग्रेस में आपसी वोट की राजनीति तो होती है। दोनों दलों में आपसी निंदा की होड़ रहती है। यह होड़ किसान की बात सुनकर उसका समाधान करने में होनी चाहिए। किसानों की मांग को लेकर 18 जुलाई को विधानसभा में ज्ञापन दिया गया था। 27 जुलाई को सीकर में प्रस्तावित प्रधानमंत्री की सभा में किसानों ने अपनी मांग का ज्ञापन देने का समय मांगा है। प्रधानमंत्री किसानों को समय नहीं देते हैं तो कम से कम मांगों की घोषणा तो कर सकते हैं। पिछले दिनों बीकानेर की सभा में प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसानों को बाजरे के दाम पूरे नहीं मिल रहे हैं । प्रधानमंत्री ने किसान का दर्द तो जाना लेकिन उसकी दवा अभी तक नहीं दी। बिना दवा किसान का दर्द ठीक कैसे हो सकता है। इसलिए प्रधानमंत्री किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने का एमएसपी कानून बनाए। इस दौरान किसान महापंचायत प्रदेश महामंत्री सुंदरलाल भावरिया, प्रदेश मंत्री ज्ञानचंद मीना, बत्तीलाल बैरवा, युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, जिला महामंत्री ग्यारसीलाल महरिया, जिला मंत्री सुखराम सामौता, नीमकाथाना अध्यक्ष गोवर्धन सिंह तेतरवाल, झाबरमल महला, सुरेश चन्द्र यादव, मोहनलाल शेषमा , बाबुलाल यादव, हनुमान बिजारणियां सहित अनेक लोग मौजूद रहे