दरअसल, कोर्ट में जैसे ही आसाराम के खिलाफ कैमरा ट्रायल शुरू हुआ, आसाराम की तबीयत नासाज हो गई। आनन-फानन में उन्हें जोधपुर के आयुर्वेद अस्पताल में भर्ती कराया गया। वैसे खुद को कानून की गिरफ्त से बचाने के लिए आसाराम पहले भी बीमार होते आए हैं। लेकिन मामले के सभी गवाहों से सामना होने की खबर मिलते ही आसाराम कुछ ज्यादा ही नर्वस हो गए और पहुंच गए अस्पताल।
अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि वह अनंत वात से ग्रसित हैं और उन्हें अपनी शारीरिक गतिविधियों में कठिनाई हो रही है। हमने पंच कर्म से उनका इलाज शुरू कर दिया है और उनके स्वस्थ होने तक उन्हें अस्पताल में रखा जाएगा। गौरतलब है कि आसाराम ने जेल प्रशासन से शिकायत की थी कि कुछ समय से वह अनिद्रा और बदन दर्द से ग्रसित हैं।
वहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने चांदखेड़ा स्थित आश्रम चलाने वाले आसाराम और उनके लोगों के खिलाफ आज धन शोधन रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि मामला तब दर्ज किया गया जब सूरत पुलिस ने मामले को कमजोर करने के लिए आसाराम के पुत्र नारायण साई द्वारा चार महीने पहले 13 करोड़ रूपये की रिश्वत देने का भुगतान करने के एक षड्यंत्र का भंडाफोड़ किया। प्रवर्तन निदेशालय एक यौन उत्पीड़ऩ़ मामले में जोधपुर की जेल में बंद आसाराम और उनके पुत्र नारायण साई से जुड़े विभिन्न व्यक्तियों से आठ करोड़ रूपये नकद बरामद होने के बाद इस इस मामले की धन शोधन के कोण से जांच कर रहा है।
निदेशालय ने आज अंतत: आसाराम और उनके लोगों के खिलाफ भारत में अपने आश्रम चलाने के लिए औपचारिक तौर पर शिकायत दर्ज कर ली। चूंकि सूरत पुलिस द्वारा जब्त नकदी का कोई हिसाब किताब नहीं है, निदेशालय का मानना है कि आसाराम और उनके आश्रम कथित तौर पर भारत और विदेश में अपने नेटवर्क के जरिये धन शोधन गतिविधियों में लिप्त हैं। सूत्रों ने कहा कि निदेशालय के अधिकारी आसाराम के अहमदाबाद स्थित आश्रम में छापे मार सकते हैं।