सीकर. चंग-धमाल, गुलाल-अबीर और प्यार के रंगों से सजा होली का त्योहार रविवार व सोमवार को जिलेभर में मनाया जाएगा। शनिवार को बाजार में सूखे रंग और पटाखों की खरीदारी का दौर जारी रहा। ज्योतिष चंद्रशेखर इंदोरिया ने बताया कि होलिका दहन गोधूलि बेला यानी प्रदोषकाल में रहेगा। शाम 6.32 से 6.44 बजे तक दहन का श्रेष्ठ मुहूर्त है। प्रदोषकाल में भद्रा नहीं रहेगी। सुबह 10 बजकर तीन मिनट तक ही भद्रा है। इसके बाद ही बड़कुल्ले पूजे जाएंगे। होलिका दहन से लेकर व्रत और धार्मिक आयोजन होंगे।
पर्व के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
> गुलाल से ही होली खेलें। पक्के रंग सिर्फ पानी की ही बर्बादी नहीं करते। इससे त्वचा भी खराब होती है।
> कई बार रंग लगाने में धक्का-मुक्की तक कर जाते हैं। ऐसा न करें।
> खाने-पीने की चीजें भी मिलावटी बिक रही हैं। इसलिए सावधानी रखें।
> पटाखे जलाते वक्त हमेशा बच्चों के साथ रहे। फस्र्ट एड बॉक्स साथ रखें।
शरीर से ऐसे हटाएं रंग: शरीर को सूखे कपड़ों से पोंछ लें। चेहरा धोने के लिए गर्म पानी का उपयोग न करें। आटे के चोकर एवं मलाई मिला कर चेहरे पर लगाएं। बाद में हल्के हाथों से छुड़ा लें।