छीपाबडौद और इसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में कृषको को लगातार यूरिया
खाद की कमी के कारण परेशानी का सामना करना पड रहा है इसी कमी के चलते
गुरुवार को यूरिया टोकन स्थल फिल्ड मैदान में सवेरे से ही ठंड के थपेड़ों
के बीच महिला पुरुष आकर जम गये थे हजारों की लाईनों में कृषक अधिकारियों
और कम्पनी प्रतिनिधियों की अधिकृत सूचना का इंतजार करते रहे वहीं सहायक
कृषि अधिकारी प्रमोद शर्मा ने मोके पर पहुंच कर यूरिया नहीं आने की सूचना
के बाद किसानों ने लाईनें खत्म की और अपने ग्रामों की ओर पहुंच गये कई
किसान बुधवार को यूरिया खाद लेने से वंचित रह गये थे जिन्होंने छीपाबडौद
में ही रतजगा किया वहीं उन्हें गुरुवार को यूरिया नहीं आने सूचना पर
बेरंग लोटना पड़ा सहकारी से जुड़े प्रतिनिधि बाबूलाल मालव ने बताया कि
बुधवार को कृषि विभाग और कृभको के विभागीय अधिकारीयों की ओर से छीपाबडौद
मार्केटिंग सोसाइटी में 103 टन यूरिया आने की सूचना थी लैकिन मात्र 85 टन
यूरिया ही पहुँचा जिसके बिल 2-2 कट्टो के हिसाब से फिल्ड मैदान में पुलिस
और कृषि विभाग के अधिकारियों की देखरेख में काटे गये थे वही ग्रामीण
अंचलों में भी सहकारी समितियों को भी यूरिया बुधवार को आया था गोरतलब है
कि छीपाबडौद क्षेत्र में राजस्व रिकार्ड की भूमि रकबे के अनुसार विभाग ने
अभी तक खाद उपलब्ध नहीं कराया है वहीं गेंहू,चना, धनिया, सरसों, लहसुन और
सब्जियों में यूरिया की कमी से उत्पादन पर असर पड सकता है किसान जहां गत
वर्षों में ओलावृष्टि और अतिवृष्टि की मार झेल रहा है वहीं यूरिया की
जरूरत के समय उपलब्धता नहीं होने से आर्थिक स्तर गिरने की पूरी संभावना
है निजी डीलरों और सहकारी समीतियों के माध्यम से वितरित यूरिया की
उपलब्धता मोजूदा मांग से भारी कम है