डग कस्बे में चैत्र षुक्ल एकम पर भारतीय हिन्दू नववर्श के प्रारंभ होने
पर भव्य कलष यात्रा निकाली गई, सेठ श्री कृश्ण चन्द आदर्ष विद्या मंदिर
से प्रारंभ हुई जिसमें कस्बे के सभी निजी विद्यालयो के भैया बहिनो ने भाग
लिया, कलष यात्रा कस्बे के नीम चैक, गणेष चैक, बुधवारिया दरवाजा, बस
स्टैण्ड, गंगधार दरवाजा होते हुई अपने गंतव्य स्थान पर पहुंची, वही कलष
यात्रा कस्बे में जगह जगह पुश्प वर्शा कर स्वागत किया गया, कलष यात्रा
में छोटी छोटी बालिकाओं ने कलष पर विषेश साज सज्जा कर अच्छे से अच्छा कलष
बनाया गया, कलष यात्रा विद्यालय प्रागंण में पहुंची जहां नववर्श के अवसर
पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया मुख्यवक्ता मुकेष नारायण ने बताया कि
विक्रम संवत ही हमारा प्रमुख कालगणना पंचांग है हमारे पर्व व उत्सव इसी
संवत् पर आधारित है अतः हमें 1 जनवरी के बजाय चेत्र षुक्ल एकम को नववर्श
मनाना चाहिए यह दिन कई से प्रकार से महत्वपूर्ण है इसी दिन सृश्टि का
आरंभ तथा भगवान राम का राज्याभिशेक किया गया था कार्यक्रम के अंत में
रतनलाल राठौर ने सभी का आभार व्यक्त किया ।
पर भव्य कलष यात्रा निकाली गई, सेठ श्री कृश्ण चन्द आदर्ष विद्या मंदिर
से प्रारंभ हुई जिसमें कस्बे के सभी निजी विद्यालयो के भैया बहिनो ने भाग
लिया, कलष यात्रा कस्बे के नीम चैक, गणेष चैक, बुधवारिया दरवाजा, बस
स्टैण्ड, गंगधार दरवाजा होते हुई अपने गंतव्य स्थान पर पहुंची, वही कलष
यात्रा कस्बे में जगह जगह पुश्प वर्शा कर स्वागत किया गया, कलष यात्रा
में छोटी छोटी बालिकाओं ने कलष पर विषेश साज सज्जा कर अच्छे से अच्छा कलष
बनाया गया, कलष यात्रा विद्यालय प्रागंण में पहुंची जहां नववर्श के अवसर
पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया मुख्यवक्ता मुकेष नारायण ने बताया कि
विक्रम संवत ही हमारा प्रमुख कालगणना पंचांग है हमारे पर्व व उत्सव इसी
संवत् पर आधारित है अतः हमें 1 जनवरी के बजाय चेत्र षुक्ल एकम को नववर्श
मनाना चाहिए यह दिन कई से प्रकार से महत्वपूर्ण है इसी दिन सृश्टि का
आरंभ तथा भगवान राम का राज्याभिशेक किया गया था कार्यक्रम के अंत में
रतनलाल राठौर ने सभी का आभार व्यक्त किया ।