हिन्दुस्थान में त्यौहार बनाया जाता है,
बम तो सरहद पार बनाया जाता है
डग :- कस्बे में गणैष चौक मंदिर परिसर में जागृति मंच के तत्वावधान में होली के पावन पर्व पर देर रात्री तक हास्य एवं गुदगुदी कवि सम्मेलन आयोजित हुआ, विराट हास्य कवि सम्मेलन में देष के ख्याती नाम कवियों ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां के माध्यम से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया वही बाहर से पधारे कवियों ने मंच के माध्यम से स्वागत किया गया, कवियों में कुंवर जावेद, सुरेष सन्नाटा, मुकेष मस्ताना, कमलेष, हरिश हंगामा, राणा राजस्थानी, निषा उज्जैनी, रष्मी किरण, कुषालंिसह, धनपाल धमाका, राणा जैबा, ने श्रंगार व वीररस, हास्य से ओतप्रोत कविता को पडकर श्रोताओं का पेट पकड कर हसने को मजबूर कर दिया वही कुंवर जावेद कोटा ने देष भक्ति व कौमी एकता पर कविता पाठ में ‘‘किसी जादू किसी मंतर नही आए है हम तो गंगा है किसी समन्दर से नही आए है हम इस मिटट्ी के है बाहर की मिटट्ी के नही’’
वही ‘‘हिन्दुस्थान में त्यौहार बनाया जाता है, बम तो सरहद पार बनाया जाता है’’ की प्रस्तुती सुना कर उपस्थित जन सैलाब के रोगटें खडे कर दिए ं।
कार्यक्रम का संचालय निमच से आए सुरेष सन्नाटा ने किया इस मौके पर जागृति मंच के प्रेमप्रेमी, रमेष षर्मा, दिनेष अग्रवाल, सुभाश वैद, वकिल खान, चन्द्रप्रकाष गोयल, देवेन्द्र जाजू, ओम अग्रवाल, सुरेन्द्रसिंधवी, ओम खण्डेलवाल, धनष्याम सोनी, मनोज जैन, प्रवीण पंजाबी ने कवियों को प्रषस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
बम तो सरहद पार बनाया जाता है
डग :- कस्बे में गणैष चौक मंदिर परिसर में जागृति मंच के तत्वावधान में होली के पावन पर्व पर देर रात्री तक हास्य एवं गुदगुदी कवि सम्मेलन आयोजित हुआ, विराट हास्य कवि सम्मेलन में देष के ख्याती नाम कवियों ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां के माध्यम से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया वही बाहर से पधारे कवियों ने मंच के माध्यम से स्वागत किया गया, कवियों में कुंवर जावेद, सुरेष सन्नाटा, मुकेष मस्ताना, कमलेष, हरिश हंगामा, राणा राजस्थानी, निषा उज्जैनी, रष्मी किरण, कुषालंिसह, धनपाल धमाका, राणा जैबा, ने श्रंगार व वीररस, हास्य से ओतप्रोत कविता को पडकर श्रोताओं का पेट पकड कर हसने को मजबूर कर दिया वही कुंवर जावेद कोटा ने देष भक्ति व कौमी एकता पर कविता पाठ में ‘‘किसी जादू किसी मंतर नही आए है हम तो गंगा है किसी समन्दर से नही आए है हम इस मिटट्ी के है बाहर की मिटट्ी के नही’’
वही ‘‘हिन्दुस्थान में त्यौहार बनाया जाता है, बम तो सरहद पार बनाया जाता है’’ की प्रस्तुती सुना कर उपस्थित जन सैलाब के रोगटें खडे कर दिए ं।
कार्यक्रम का संचालय निमच से आए सुरेष सन्नाटा ने किया इस मौके पर जागृति मंच के प्रेमप्रेमी, रमेष षर्मा, दिनेष अग्रवाल, सुभाश वैद, वकिल खान, चन्द्रप्रकाष गोयल, देवेन्द्र जाजू, ओम अग्रवाल, सुरेन्द्रसिंधवी, ओम खण्डेलवाल, धनष्याम सोनी, मनोज जैन, प्रवीण पंजाबी ने कवियों को प्रषस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया ।