10 माह पहले विकलांग पति की भी अचानक मौत के बाद अब परिवार बेसहारा
झाडली गांव का है मामला
सौरभ शर्मा.थोई
इसे कुदरत का कहर कहें या फिर परिवार पर दुखों का पहाड़। परिवार की मुखिया ही जब शारीरिक रूप से अक्षम हो तो उस परिवार का भगवान ही मालिक है। ऐसा ही एक मामला सीकर जिले के थोई इलाके के झाड़ली की रेगर बस्ती में सामने आया है। झाड़ली गांव की रेगर बस्ती में स्थित लक्ष्मी देवी का परिवार काफी दिनों से दुविधा में है ।लक्ष्मी देवी का पति बनवारीलाल भी विकलांग था, फिर भी वह जैसे- तैसे शूज पॉलिश करके अपने परिवार का पेट पाल रहा था ।परंतु 10 माह पूर्व ही बनवारी का अचानक निधन हो गया। तथा पत्नी लक्ष्मी के दोनों पैरों से विकलांग होने के कारण पूरा परिवार असहाय हो गया। लक्ष्मीदेवी के परिवार में अब दो छोटे बच्चे हैं बड़ा लड़का 13 साल का अजय है तथा छोटा लड़का 11 साल का विजय है। दोनों ही लड़के आर्थिक तंगी के चलते सुचारू रूप से अपना अध्ययन नहीं कर पा रहे हैं। इधर लक्ष्मी देवी का कहना है कि उसका परिवार बीपीएल में चयनित भी नहीं है और विकलांगता प्रमाणपत्र होने के बाद भी विकलांगता पेंशन नहीं मिल पा रही है जिससे मेरे बच्चों को अध्ययन करवाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लक्ष्मी देवी के पास रहने के लिए कोई घर नहीं है। फिलहाल वह टीनशेड के बने एक स्थान पर निवास कर रही है। ऐसे गर्मी की तपती दोपहर में एक टीन शेड के नीचे रह कर पूरा काटना काफी मुश्किल है ।ऐसे मैं लक्ष्मी देवी चाहती है कि किसी भामाशाह का सहयोग मिल गए तो वह बच्चों का भविष्य सुधार सकें ग्राम पंचायत झाड़ली की सरपंच राजेश कुड़ी का कहना है कि पंचायत स्तर पर होने वाले सभी प्रयास किए जा रहे हैं। यदि अन्य कोई सहायता की आवश्यकता पड़ेगी तो शीघ्र ही मदद की जाएगी।