भय प्रकट कृपाला दीनदयाला....... ..
मूंडरू. कस्बे के गांव लिसाड़िया स्थित श्रीरामशरण महात्यागी आश्रम में बालयोगी बालकदास महाराज के सानिध्य में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया गया । कथा में वृदांवन की प्रसिद्ध कथावाचक अंजलिकिशोरी ने श्रद्धालुओं को भगवान के जन्म का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि पृथ्वी पर जब-जब भी असुरों का अत्याचार बढ़ा है तब- तब भगवान विष्णु ने अवतार लेकर पापियों का संहार किया है और धरती को राक्षसमुक्त किया है। कथावाचक अंजलिकिशोरी ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं के बारे में बताते हुए कहा कि श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र में सोलह कलाएं निहित थी। भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप अवतार की पालने में झांकी सजाई गयी। महिलाओं में भगवान के पालने को झूलाने में होड मची रही। संगीतमय कथा में "नन्द घर जायो लाल.. बधाई दे दे री मैया...नंद के आंनद भयो.... आदि भजनों पर श्रृद्धालु जमकर झूमें । बालक दास महाराज ने बताया कि रविवार को पूर्णाहुति के साथ कथा का समापन होगा।