प्रशासन सुने न जनप्रतिनिधी,आखिर कौन सुनेगा मेरा दर्द-----
अजीतगढ़(दिनेश शर्मा/कपिल मीणा):- इसे कु दरत का कहर कहे या फि र दु:खो का सितम ऐसी ही दुख भरी एक दास्तांन बंया करती है,तीन साल से रूपसिंह जंजीरो मे कैद है। स्थानीय थानान्तर्गत ग्राम खटखड़ की ढ़ाणी नरूका वाली निवासी एक २० वर्षीय युवक रूप सिंह नरूका पिछले तीन साल से जंजीरो मे जकड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार खटखड़ की ढ़ाणी नरूका वाली निवासी रूप सिंह नरूका पुत्र प्रहलाद सिंह नरूका उम्र २० वर्ष जो पिछले ६ साल से मंदबुद्धि है जो १४ वर्ष की उम्र मे मंदब़ुद्धि हो गया था। लगातार तीन साल तक परिजनो ने जयपुर के मेन्टल अस्पताल के चिकित्सक ड़ाँ शिव गौतम के पास इलाज कराया इस दौरान इसके उपचार केे लिए परिजनो ने करीब २ लाख रूपये खर्च किये,जो राशि परिजनो ने विभिन्न लोगो से कर्जा लेकर ली थी। लैकिन उसका पागलपन दिनप्रतिदिन बढ़ता गया। जिस कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ती गई जिससे आज हालत यह है की लोग व छोटे बच्चे,महिलाऐ उससे भयभीत होने लग गये है। कई बच्चो,महिलाओ के पत्थर मारने लग गया है। जिसके कारण लोग भयभीत होकर उसके परिजनो को शिकायत की। रूपसिंह का पागलपन इतना बढ़ गया की परिजनो ने रूपसिंह को जंजीरो से बांध रखा है। वही वो अपनी दैनिक क्रिया से निवृत होता है। अब उसका उपचार जयपुर के मनोचिकित्सालय से चल रहा है। जंहा उसे एक माह से परिजन जयपुर उपचार के लिए लेकर जाते है। उपचार के लिए एक बार मे एक हजार रूपये की राशि देनी पड़ती है। वो राशि भी प्रहलाद सिंह उधार लेकर जाता है। प्रहलाद सिंह खुद भी चलने फि रने मे असमर्थ है फि र भी वह पुरे दिन भर रूपसिंह की सेवा मे लगा रहता है। खुद खाना बनाकर रूपसिंह को खिलाता है। लैकिन वह भी भयभीत है तथा रूपसिंह के करीब नही जाता है।
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रूपसिंह को केवल पिता का ही सहारा:-
मंदबुद्धि से ग्रस्त रूपसिंह को अब केवल ८०वर्षीय पिता का सहारा है। लोगो ने बताया की रूप सिंह की माँ सजना देवी की मृत्यु हुई थी जब रूप सिंह २ वर्ष का ही था। जब इसकी मां गुजर गई । रूपसिंह के एक बहिन है,उसके बाद रूपसिंह के पिता ने दुसरी शादी कर ली थी। उसके दो सन्तान हुई थी। रूपसिंह के पिता प्रहलाद सिंह की दुसरी पत्नी भी दुनियां से चली गई। इस दौरान रूपसिंह के पिता ने तीनो पुत्रीयो की शादी कर दी थी। तथा मंदबुद्धि रूपसिंह की शादी नही हुई है। रूपसिंह तथा उसके पिता का कोई भी मददगार नही बना है। जिस कारण इनकी आर्थिक स्थिति दहनीय होती जा रही है। अब इनके परिवार मे रूपसिंह तथा उसका ८०वर्षीय वृद्व पिता प्रहलाद सिंह ही है।
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प्रहलाद सिंह को सरकारी योजनाओ का लाभ भी नही मिला:-
रूपसिंह के पिता प्रहलाद सिंह वास्तव मे बीपीएल होने के हकदार है। लैकिन ये बीपीएल मे भी नही है। न इनकी स्थानीय प्रशासन सुन रहा है और नही जिला प्रशासन रूप सिंह के पिता प्रहलाद सिंह ने पहले भी कई बार पूर्व विधानसभाअध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत से मिलकर अपनी दु:ख पीड़ा कई बार बताई लेकिन प्रहलाद सिंह को आश्वासन के अलावा कुछ भी नही मिला,आखिर मे प्रहलाद सिंह ने सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिड़ेट के उपाध्यक्ष पूरण मीणा से मिलकर अपना दु:ख बताया। लोगो ने मुख्यमंत्री,स्थानीय विधायक,जिला कलेक्टर से मांग की है की मंदबुद्धि से ग्रस्त रूपसिंह के इलाज के लिए सहायता करे। प्रहलाद सिंह के घर पर काई भी जाता है,तो प्रहलाद सिंह बार बार एक ही बात बताता है की आखिर मेरा दु:ख दर्द कौन सुनेगा।
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नही लिखा था रूपसिंह को अपनी माँ का दुलार----
रूपसिंह को अपनी माँ का प्यार भी नही मिल पाया है,जब रूपसिंह २ वर्ष का ही था। तब रूप सिंह की माँ का देहान्त हो गया था। माँ का प्यार दिलाने के लिए रूपसिंह के पिता प्रहलाद सिंह ने दुसरी शादी भी रची लैकिन शायद होनी को यह मजुंर नही था, की रूपसिंह को अपनी माँ का प्यार मिले। रूपसिंह की दुसरी माँ क ा भी देहान्त हो गया था।
क्या कहते है सरपंच:- सरपंच सुवालाल का कहना है की जब से मै सरपंच बना हुं,तब से बीपीएल का सर्वे नही हुआ है। अब मै कौशिश करूंगा इनको बीपीएल योजना मे शामिल करने की।
अजीतगढ़(दिनेश शर्मा/कपिल मीणा):- इसे कु दरत का कहर कहे या फि र दु:खो का सितम ऐसी ही दुख भरी एक दास्तांन बंया करती है,तीन साल से रूपसिंह जंजीरो मे कैद है। स्थानीय थानान्तर्गत ग्राम खटखड़ की ढ़ाणी नरूका वाली निवासी एक २० वर्षीय युवक रूप सिंह नरूका पिछले तीन साल से जंजीरो मे जकड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार खटखड़ की ढ़ाणी नरूका वाली निवासी रूप सिंह नरूका पुत्र प्रहलाद सिंह नरूका उम्र २० वर्ष जो पिछले ६ साल से मंदबुद्धि है जो १४ वर्ष की उम्र मे मंदब़ुद्धि हो गया था। लगातार तीन साल तक परिजनो ने जयपुर के मेन्टल अस्पताल के चिकित्सक ड़ाँ शिव गौतम के पास इलाज कराया इस दौरान इसके उपचार केे लिए परिजनो ने करीब २ लाख रूपये खर्च किये,जो राशि परिजनो ने विभिन्न लोगो से कर्जा लेकर ली थी। लैकिन उसका पागलपन दिनप्रतिदिन बढ़ता गया। जिस कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ती गई जिससे आज हालत यह है की लोग व छोटे बच्चे,महिलाऐ उससे भयभीत होने लग गये है। कई बच्चो,महिलाओ के पत्थर मारने लग गया है। जिसके कारण लोग भयभीत होकर उसके परिजनो को शिकायत की। रूपसिंह का पागलपन इतना बढ़ गया की परिजनो ने रूपसिंह को जंजीरो से बांध रखा है। वही वो अपनी दैनिक क्रिया से निवृत होता है। अब उसका उपचार जयपुर के मनोचिकित्सालय से चल रहा है। जंहा उसे एक माह से परिजन जयपुर उपचार के लिए लेकर जाते है। उपचार के लिए एक बार मे एक हजार रूपये की राशि देनी पड़ती है। वो राशि भी प्रहलाद सिंह उधार लेकर जाता है। प्रहलाद सिंह खुद भी चलने फि रने मे असमर्थ है फि र भी वह पुरे दिन भर रूपसिंह की सेवा मे लगा रहता है। खुद खाना बनाकर रूपसिंह को खिलाता है। लैकिन वह भी भयभीत है तथा रूपसिंह के करीब नही जाता है।
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रूपसिंह को केवल पिता का ही सहारा:-
मंदबुद्धि से ग्रस्त रूपसिंह को अब केवल ८०वर्षीय पिता का सहारा है। लोगो ने बताया की रूप सिंह की माँ सजना देवी की मृत्यु हुई थी जब रूप सिंह २ वर्ष का ही था। जब इसकी मां गुजर गई । रूपसिंह के एक बहिन है,उसके बाद रूपसिंह के पिता ने दुसरी शादी कर ली थी। उसके दो सन्तान हुई थी। रूपसिंह के पिता प्रहलाद सिंह की दुसरी पत्नी भी दुनियां से चली गई। इस दौरान रूपसिंह के पिता ने तीनो पुत्रीयो की शादी कर दी थी। तथा मंदबुद्धि रूपसिंह की शादी नही हुई है। रूपसिंह तथा उसके पिता का कोई भी मददगार नही बना है। जिस कारण इनकी आर्थिक स्थिति दहनीय होती जा रही है। अब इनके परिवार मे रूपसिंह तथा उसका ८०वर्षीय वृद्व पिता प्रहलाद सिंह ही है।
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प्रहलाद सिंह को सरकारी योजनाओ का लाभ भी नही मिला:-
रूपसिंह के पिता प्रहलाद सिंह वास्तव मे बीपीएल होने के हकदार है। लैकिन ये बीपीएल मे भी नही है। न इनकी स्थानीय प्रशासन सुन रहा है और नही जिला प्रशासन रूप सिंह के पिता प्रहलाद सिंह ने पहले भी कई बार पूर्व विधानसभाअध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत से मिलकर अपनी दु:ख पीड़ा कई बार बताई लेकिन प्रहलाद सिंह को आश्वासन के अलावा कुछ भी नही मिला,आखिर मे प्रहलाद सिंह ने सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिड़ेट के उपाध्यक्ष पूरण मीणा से मिलकर अपना दु:ख बताया। लोगो ने मुख्यमंत्री,स्थानीय विधायक,जिला कलेक्टर से मांग की है की मंदबुद्धि से ग्रस्त रूपसिंह के इलाज के लिए सहायता करे। प्रहलाद सिंह के घर पर काई भी जाता है,तो प्रहलाद सिंह बार बार एक ही बात बताता है की आखिर मेरा दु:ख दर्द कौन सुनेगा।
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नही लिखा था रूपसिंह को अपनी माँ का दुलार----
रूपसिंह को अपनी माँ का प्यार भी नही मिल पाया है,जब रूपसिंह २ वर्ष का ही था। तब रूप सिंह की माँ का देहान्त हो गया था। माँ का प्यार दिलाने के लिए रूपसिंह के पिता प्रहलाद सिंह ने दुसरी शादी भी रची लैकिन शायद होनी को यह मजुंर नही था, की रूपसिंह को अपनी माँ का प्यार मिले। रूपसिंह की दुसरी माँ क ा भी देहान्त हो गया था।
क्या कहते है सरपंच:- सरपंच सुवालाल का कहना है की जब से मै सरपंच बना हुं,तब से बीपीएल का सर्वे नही हुआ है। अब मै कौशिश करूंगा इनको बीपीएल योजना मे शामिल करने की।