अजीतगढ़ की राउमावि में राप्रावि कुसुमपुरा के एकीकरण से उपजी समस्या,गुरूवार को समन्वित हो गई स्कूल
अजीतगढ़ - प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग द्वारा एकीकरण व समानीकरण की कवायद गत पखवाड़े से काफी जोर-शोर से चलने के साथ ही विभिन्न ग्रामीण हल्कों में एकीकरण के विरोध के स्वर तेज होते जा रहे है। वहीं एकीकरण के तय मापदंड़ों एवं नियमों के दूर जाकर अनेक स्कूलों को एकीकरण के दायरे में शामिल कर दिया गया है। जिससे लोगों ने अपने बच्चों को एकीकरण के बाद बनी आदर्श स्कूलों की दूरी अधिक होने से नही भेजने की ओर विमुख होने का विवश हो गए है। जानकारी के मुताबिक अजीतगढ़ के राजकीय प्राथमिक स्कूल कुसुमपुरा को करीबन २ किमी से अधिक दूर चौंमू-अजीतगढ़ स्टेट हाइवे स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एकीकरण कर देने के आदेशों के बाद गुरूवार को कुसुमपुरा स्कूल शिक्षकों ने स्कूली बच्चों को आदर्श स्कूल राउमावि में ले गए तथा वहीं ड्यूटी ज्वाई कर ली। स्थानीय ग्रामीण अर्जुनलाल,शंकरलाल,मालीराम,पवन कुमार आदि ने बताया कि कुसुमपुरा स्कूल में ५८ बच्चे अध्ययनरत है तथा यह स्कूल २ किमी से अधिक दूरी की स्कूल में समन्वित कर दिया गया। साथ ही इस स्कूल में निर्धन,गरीब,एसटी,एससी(हरिजन बस्ती) के बच्चे पढ़ते है। इस स्कूल के आसपास अन्य स्कूल सरकारी नही है ।
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रोजाना कौन लेकर जाएगा,बच्चों को .. . .
जानकारी के मुताबिक गुरूवार को कुसुमपुरा स्कूल के बच्चों को लेकर शिक्षक जिम्मेदारी से राउमावि में स्टेट हाइवे पार करवा कर ले गए। लेकिन रोजाना इन बच्चों को दो किमी से अधिक दूरी तय करके स्टेट हाइवे पार करवा कर कौन स्कूल प्रवेश करवाएगा। इधर कुसुमपुरा के बांशिदों ने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि उनके नौनिहालों को स्टेट हाइवे पर किसी तरह की दुघर्टना से बचाव के उपया सुझावें अन्यथा बच्चों को स्कूल भेजना संभव नही है।
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तो मजबूरन बच्चे होगें .. .शिक्षा से दूर.. .
वहीं गुरूवार को आदर्श स्कूल में बच्चों को ले जाने तथा छुट्टी होने पर अभिभावक चिंतिंत होकर २ किमी दूर बच्चों को लेने दौड़ पडे। अभिभावकों ने बताया कि व्यस्तम स्टेट हाइवे पर सीनीयर के बच्चों को सडक़ पार करने में मुश्बित होती है तो कक्षा १ से कक्षा ५ के बच्चों को पार करना कैसे संभव है। सरकार द्वारा गलत एकीकरण के आदेश अगर शीघ्र वापस नही हुए तो मजबूरन बच्चों को अभिभावक शिक्षा से दूर कर लेगें। अभिभावकों ने सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा कुसुमपुरा स्कूल को गलत एकीकरण करने का विरोध व्यक्त करते हुए उच्चाधिकारियों को ज्ञापन प्रेषित किए है।
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इनका कहना:-
१. राप्रावि कुसुमपुरा प्रधानाध्यापक गोकुल प्रसाद शर्मा ने बताया कि आदर्श स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा गत दिनों से विभागीय आदेशों के मुताबिक सभी सूचनाएं,रिकॉर्ड एवं बच्चों सहित राउमावि में उपस्थिति देने के निर्देश जाने के कारण गुरूवार को बच्चों को राउमावि में ले गए।
२.श्रीमाधोपुर बीईओ बजरंगसिंह ने बताया कि राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार एकीकरण के बाद स्कूलों को समन्वित स्कूल में ले जाना आवश्यक है। कुसुमपुरा स्कूल की परिवेदना मिली है जिसे शीघ्र डीईओ सीकर के समक्ष पेश की जावेगी।
३. कुसुमपुरा स्कूली बच्चों के अभिभावकों की माने तो वों अपने बच्चों को २ किमी दूरी तथा स्टेट हाइवे पार करके भेजने में किसी प्रकार की अनहोनी का खतरा नही लेना चाहते । सरकार व विभाग स्कूल को एकीकरण के आदेशों से मुक्त नही करेगी तो मजबूरन बच्चों को स्कूल नही भेजेगें।
अजीतगढ़ - प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग द्वारा एकीकरण व समानीकरण की कवायद गत पखवाड़े से काफी जोर-शोर से चलने के साथ ही विभिन्न ग्रामीण हल्कों में एकीकरण के विरोध के स्वर तेज होते जा रहे है। वहीं एकीकरण के तय मापदंड़ों एवं नियमों के दूर जाकर अनेक स्कूलों को एकीकरण के दायरे में शामिल कर दिया गया है। जिससे लोगों ने अपने बच्चों को एकीकरण के बाद बनी आदर्श स्कूलों की दूरी अधिक होने से नही भेजने की ओर विमुख होने का विवश हो गए है। जानकारी के मुताबिक अजीतगढ़ के राजकीय प्राथमिक स्कूल कुसुमपुरा को करीबन २ किमी से अधिक दूर चौंमू-अजीतगढ़ स्टेट हाइवे स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एकीकरण कर देने के आदेशों के बाद गुरूवार को कुसुमपुरा स्कूल शिक्षकों ने स्कूली बच्चों को आदर्श स्कूल राउमावि में ले गए तथा वहीं ड्यूटी ज्वाई कर ली। स्थानीय ग्रामीण अर्जुनलाल,शंकरलाल,मालीराम,पवन कुमार आदि ने बताया कि कुसुमपुरा स्कूल में ५८ बच्चे अध्ययनरत है तथा यह स्कूल २ किमी से अधिक दूरी की स्कूल में समन्वित कर दिया गया। साथ ही इस स्कूल में निर्धन,गरीब,एसटी,एससी(हरिजन बस्ती) के बच्चे पढ़ते है। इस स्कूल के आसपास अन्य स्कूल सरकारी नही है ।
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रोजाना कौन लेकर जाएगा,बच्चों को .. . .
जानकारी के मुताबिक गुरूवार को कुसुमपुरा स्कूल के बच्चों को लेकर शिक्षक जिम्मेदारी से राउमावि में स्टेट हाइवे पार करवा कर ले गए। लेकिन रोजाना इन बच्चों को दो किमी से अधिक दूरी तय करके स्टेट हाइवे पार करवा कर कौन स्कूल प्रवेश करवाएगा। इधर कुसुमपुरा के बांशिदों ने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि उनके नौनिहालों को स्टेट हाइवे पर किसी तरह की दुघर्टना से बचाव के उपया सुझावें अन्यथा बच्चों को स्कूल भेजना संभव नही है।
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तो मजबूरन बच्चे होगें .. .शिक्षा से दूर.. .
वहीं गुरूवार को आदर्श स्कूल में बच्चों को ले जाने तथा छुट्टी होने पर अभिभावक चिंतिंत होकर २ किमी दूर बच्चों को लेने दौड़ पडे। अभिभावकों ने बताया कि व्यस्तम स्टेट हाइवे पर सीनीयर के बच्चों को सडक़ पार करने में मुश्बित होती है तो कक्षा १ से कक्षा ५ के बच्चों को पार करना कैसे संभव है। सरकार द्वारा गलत एकीकरण के आदेश अगर शीघ्र वापस नही हुए तो मजबूरन बच्चों को अभिभावक शिक्षा से दूर कर लेगें। अभिभावकों ने सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा कुसुमपुरा स्कूल को गलत एकीकरण करने का विरोध व्यक्त करते हुए उच्चाधिकारियों को ज्ञापन प्रेषित किए है।
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इनका कहना:-
१. राप्रावि कुसुमपुरा प्रधानाध्यापक गोकुल प्रसाद शर्मा ने बताया कि आदर्श स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा गत दिनों से विभागीय आदेशों के मुताबिक सभी सूचनाएं,रिकॉर्ड एवं बच्चों सहित राउमावि में उपस्थिति देने के निर्देश जाने के कारण गुरूवार को बच्चों को राउमावि में ले गए।
२.श्रीमाधोपुर बीईओ बजरंगसिंह ने बताया कि राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार एकीकरण के बाद स्कूलों को समन्वित स्कूल में ले जाना आवश्यक है। कुसुमपुरा स्कूल की परिवेदना मिली है जिसे शीघ्र डीईओ सीकर के समक्ष पेश की जावेगी।
३. कुसुमपुरा स्कूली बच्चों के अभिभावकों की माने तो वों अपने बच्चों को २ किमी दूरी तथा स्टेट हाइवे पार करके भेजने में किसी प्रकार की अनहोनी का खतरा नही लेना चाहते । सरकार व विभाग स्कूल को एकीकरण के आदेशों से मुक्त नही करेगी तो मजबूरन बच्चों को स्कूल नही भेजेगें।