जाने के लिये खंरजा बना हुआ है गत वर्ष हुई बारिश से चुका है सेप्टी वाल नहीं होने के कारण खरंजा जगह जगह से नीचे किनारो की और से कटाव ले चुका है और खरंजे के पत्थर भी निकलना प्रारम्भ हो गये है जो जल्द ही इस खरंजे को पूर्ण रुप से नीचे से खोखला कर देगे। हर माह आने वाले चौथमाता के व्रत पर बड़ी संख्या में महिला पुरुष मन्दिर पर पूजा अर्चना के लिये जाते है। इस दौरान बहुत श्रद्वालु दुपहिया वाहनो से आते जाते है खरंजा किनारो पर नीचंे से खोखला हो चुका हैं जो हादसों को न्यौता दे रहा है। यह खरंजा
दुपहिया वाहन, व पेदल चलने वाले श्रद्वालुओ के लिये काफी खतरनाक साबित हो सकता है जल्द ही विभाग ने इस और ध्यान नहीं दिया तो इस खरंजे पर कोई भी
बड़ा हादसा होने की प्रबल सम्भावना है।