
दांतारामगढ़ , मुनि प्रमाण सागर ने कहा कि भाग्य के हाथ में सुख-दुख नहीं है l यह मानव मात्र की परिकल्पना हैं, वे यहां मुख्य बाजार में आयोजित धर्म सभा में प्रवचन कर रहे थे l
महाराज ने कहा कि व्यक्ति को सुखमय जीवन व्यतीत करने के लिए चार बातों का ध्यान रखना चाहिए l पहला जो मिल रहा है, उसे पर्याप्त समझें l दूसरा दुख में भी सुख खोजना चाहिए l तीसरा जो मिल रहा है, उसे पसंद करो तथा उसी में संतोष करो l चौथा प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा सकारात्मक सोच की आवश्यकता हैं l इन चार बातों का ध्यान रखा जाए तो अवश्य ही सफलता मिलती हैं l
धर्म सभा में विराट सागर महाराज व ब्रह्मचारी महाराज मौजूद थे l अनेक जनप्रतिनिधियों व गणमान्य नागरिकों ने जैन मुनियों का स्वागत किया तथा श्रीफल भेंट किया l ग्राम पंचायत की सरपंच मधु स्वामी ने आगंतुओं का आभार प्रकट किया l