अब विद्यार्थियों के हैल्थ कार्ड में रहेगी सेहत की कुंडली
जिला कलक्टर एलएन सोनी की पहल पर सीकर में शुरू हुआ विशेष नवाचार,
कक्षा आठ से 12 तक के सभी बच्चों के बनेंगे हैल्थ कार्ड,
जरूरत होने पर बच्चों का कराया जा सकेगा उपचार,
सीकर के पांच प्रमुख अस्पतालों व लॉयन्स क्लब के सहयोग से शुरू हुआ कार्यक्रम


हैल्थ कार्ड कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर जिला कलक्टर एलएन सोनी ने कहा कि इस कार्यक्रम से जहां एक तरफ इसमें आने वाले सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच हो सकेगी, वहीं उनके स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी भी उनके कार्ड में दर्ज होने से भविष्य में इसका उपयोग किया जा सकेगा। बच्चों को उनके स्वास्थ्य के अनुकूल उपयोगी जानकारी दी जा सकेगी, जिससे उनकी स्वास्थ्य संबंधी जागरुकता बढेगी। साथ ही शुरुआत स्तर पर ही लक्षण पकड़ में आने और बीमारी चिन्हित होने से बच्चों का समय रहते उपचार कराया जा सकेगा। उन्होंने इस दौरान स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया का निरीक्षण कर चिकित्सकीय टीम को आवश्यक निर्देश दिए तथा बच्चों से भी बातचीत कर उनका हौसला बढाया। उन्होंने बच्चों से कहा कि स्वास्थ्य जांच के दौरान वे अपनी किसी प्रकार की बीमारी या दिक्कत को छुपाएं नहीं और जांचकर्ता को स्पष्ट बताएं ताकि किसी बीमारी की आशंका होने पर जांच कर आवश्यक उपचार किया जा सके। जिला कलक्टर ने बताया कि आगामी तीन माह में जिले के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में पढने वाले कक्षा आठ से 12 तक के बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर उनका हैल्थ कार्ड प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजकीय कल्याण अस्पताल के साथ-साथ केएम मेमोरियल जैन हार्ट एवं जनरल अस्पताल, टीबड़ा आई हॉस्पिटल, बिंदल हॉस्पिटल व गुरुकृपा अस्पताल द्वारा इस कार्यक्रम में सहभागिता के लिए उदार मन से सहमति प्रदान की गई है। जिला कलक्टर सोनी ने बच्चों को हैल्थ कार्ड भी प्रदान किए।
जिला कलक्टर ने इस दौरान डीईओ (एस) रेखाराम खीचड़ से कहा कि वे पांच-सात लोगों की एक स्थाई टीम को इस कार्य में लगाए और एक्शन प्लान बनाकर सभी स्कूलों में कक्षा आठ से 12 तक के बच्चों का हैल्थ कार्ड बनाया जाना सुनिश्चित करें। एक भी बच्चा हैल्थ कार्ड से वंचित नहीं रहे, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जांच से संबंधित सामान्य जानकारी शिक्षकों द्वारा भरी जाए और अन्य तकनीकी जानकारी स्वास्थ्यकर्मी भरें ताकि एक दिन में अधिक से अधिक बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा सके। स्वास्थ्य जांच के दौरान बच्चों को स्वच्छता विषयक जानकारी भी प्रदान की गई।