सीकर। सर्वसमाज महापंचायत की ओर से घोषित सीकर संसदीय क्षेत्र के निर्दलीय प्रत्याषी सुभाष महरिया ने षनिवार को खण्डेला में जनसभांएं कर जनसमर्थन जुटाया। महरिया का जनसम्पर्क के दौरान क्षेत्रवासियों की ओर से भव्य स्वागत किया गया। महरिया ने जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि कार्यकर्ता ही मेरी जीत का आधार बनेंगे। जितने पर नरेन्द्र मोदी को समर्थन देकर देष को नई दिषा में ले जाने में सहयोग करूंगा। महरिया को चुनावी प्रचार के दौरान काफी समर्थन मिल रहा है। यह चुनाव साधारण चुनाव नहीं है। कार्यकर्ताओं की बदौलत भारी मतों से जीतकर सीकर के मान सम्मान की रक्षा करूंगा। मेरे लिए सीकर संसदीय क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्र नए नहीं है और नही क्षेत्रवासी। महरिया ने खण्डेला में चुनावी कार्यालय खोलकर कार्यकर्ताओं को चुनावों में जी जान से जुट जाने की बात कही। आज प्रदेष को ऐसे नेतृत्व का मार्गदर्षन मिल रहा जिसका आम जन से सीधा जुड़ाव है। मैंने पार्टी व सीकर की जनता की राजनैतिक जीवनकाल में काफी सेवा की है । ऐसे में किसी एक साथ अन्याय होते नहीं देख सकता। आज पार्टी में बाहरी प्रत्याषी को टिकट देकर फिर से सालों पहले की परम्परा को सीकर की जनता व कार्यकर्ताओं पर थोपने की कोषिष की है। ऐसे में जनता का सेवक होने के नाते मेरा भी उनके प्रति उत्तरदायित्व है। इसी के चलते मैंने सर्वसमाज महापंचायत की फैसले के अनुसार चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जनसर्म्पक के दौरान महरिया के साथ पूर्व प्रधान षिवदयाल पालीवाल, पूर्व जिला परिषद सदस्य फूलचन्द बाजिया, पूर्व उपप्रधान जगदीष प्रसाद, पूर्व सरपंच भोलूराम दूधवाल, महेष महर्षि, भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष गोपाल शर्मा, पूर्व पंचायत समिति सदस्य बनवारी लाल, जी.एस.एस. अध्यक्ष गोकुल सिंह शेखावत, पार्षद सब्ज अली, पणिहारबास पूर्व सरपंच रामूसिंह गुर्जर, पार्षद अमरूद्धीन, सांवरमल सैनी पणिहारबास, कोटड़ी पूर्व पंचायत समिति सदस्य मदन कुमावत, पूर्व पंचायत समिति सदस्य रमेष कुड़ी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य भूदरमल अग्रवाल, ढ़ाणी गुमानसिंह पूर्व सरपंच सरदार चाहर, नीमेड़ा पूर्व सरपंच महावीर चाहर, बाबूलाल यादव सरपंच, पार्षद बद्री आलिया, पूर्व सरपंच रघुनाथ महला, चौकड़ी सरपंच अषोक लाटा, रिछपाल बाजिया लांपुआ, रलावता सरपंच गिरधारी मंगावा, जयरापुरा पूर्व सरपंच केषर सामोता, दूल्हेपुरा सरपंच शंकर काजला सहित अनेक जनप्रतिनिधी साथ थे।
ढ़ाणी गुमानसिंह व फतेहपुरा में सिक्कों से तौला गया तथा फतेहपुरा, केरपुरा, ढ़ाणी गुमानसिंह एवं कोटड़ी में ऊँट घोड़ो से जूलूस निकाला गया।