बड़ा सवाल : कौन देगा 15,000 तृतीय श्रेणी शिक्षकों को नियुक्ति |
जयपुर । जिला परिषदों के माध्यम से की गई तृतीय श्रेणी के 15,000 शिक्षकों को भर्ती के बाद अपनी नियुक्ति का इंतजार है, लेकिन नियुक्ति का यह मसला अभी पंचायतीराज और शिक्षा विभाग के बीच सवाल बनकर घूम रहा है।
अभी यह तय नहीं हो पा रहा है कि इन शिक्षकों को नियुक्ति कौन देगा? शिक्षा विभाग शिक्षा की जवाबदेही अपने पास होने के कारण तृतीय श्रेणी अध्यापकों की नियुक्ति अपने यहां से किए जाने का दावा कर रहा है।
दूसरी तरफ पंचायतीराज विभाग भर्ती जिला परिषदों के माध्यम से होने के कारण खुद नियुक्ति देने की तैयारी कर रहा है। मामले में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के स्तर पर अंतिम निर्णय किया जाना है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जिला परिषदों के माध्यम से तृतीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरूकी गई थी। जिसे इस सरकार में पूरा किया गया।
हर बार उलझता है पेचपूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में उच्च प्राथमिक शिक्षा सहित पांच अन्य विभागों को पंचायतीराज में शामिल किए जाने के बाद से ही शिक्षकों के मामले में शिक्षा और पंचायतीराज विभाग आमने-सामने रहे हैं।
पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल और पंचायतीराज मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया के बीच इस मसले पर लंबी खींचतान हुई थी। शिक्षकों के तबादले और नियुक्ति को लेकर अब सरकार में यही स्थिति है।
अभी कुछ तय नहीं---- शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षकों की जवाबदेही शिक्षा विभाग के पास है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नियुक्तियां कौनसा विभाग करेगा, यह अभी तय नहीं है।
हम ही देंगे नियुक्ति ---पंचायतीराज मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि जिला परिषद ने भर्ती पूरी कर ली है। सफल अभ्यार्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन के बाद नियुक्ति का काम किया जाएगा। हम ही नियुक्ति देंगे।