

अस्ताल के क्वार्टर का छज्जा गिरा, डाॅ. बाल-बाल बचे
रींगस। कस्बे के सीएचसी में बने डाॅक्टरो के कवार्टर जर जर हालत में आ चुके है। जो कि कभी भी किसी बडे हादसे को अंजाम दे सकते है। रविवार दौपहर में एक क्र्वाटर का छज्जा अचानक से टूट कर के गिर गया। जिसमें पास खडे डाॅक्टर सुनिल ढाका बाल बाल बच गये। अस्पताल में बने कर्वाटरो के हालात ये है कि जहाॅ हाथ लगाओ वही से चूना गिरता है। डाॅक्टरो के रूकने की अन्य काई व्यवस्था न होने के कारण डाॅक्टरो को अपनी जान जोखिम में डालकर के इन जर जर हालत में आ चुके कवार्टरो में रहना पडता है। जो कि किसी भी खतरे से खाली नही है। यदि समय रहते इन कार्वाटरो की मरमत नही की गई तो कभी भी बडा हादसा हो सकता है। क्र्वाटरर्स की दिवारो में दरारे आ चुकी है जो की कभी भी गिर सकती है।
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ये क्र्वाटर है जर जर हालात में
सीएचसी के आठ कर्वाटरो की हालत बिलकुल जर जर हो चुकी है, जो की कभी भी हादसे को न्योता दे सकते है। ये क्र्वाटर डाॅ. एच.एस.गौरा, डाॅ. सुनील ढाका, फार्माशिष्ठ महेश रूलानिया, लेब टैकनीशियन सरीता तंवर, सहायक रेडीयोलाजिस्ट धूडाराम, वाहन चालक छीतरमल, चतुर्थी श्रेणी झाबरमल व एक कवार्टर एक सौ आठ एम्बूलंैस कर्मीयो को दिये गये है। जिनमें रहना किसी भी खतरे से खाली नही है।
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पहले भी हुये है अस्पताल में हादसे फिर भी नही जागा प्रशासन
रींगस सीएचसी में छज्जा गिरने जैसे हादसे पहले भी हो चुके है उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सुरक्षा को लेकर के काई ईन्तजामात नही किये गये है। गौरतलब है कि गत वर्ष भी मरीज के साथ आई एक आंगन बाडी कार्यकर्ता के सर पर अस्पताल के बरामदे का प्लास्टर गिर गया था। जिससे वह गभीर रूप से घायल हो गयी थी।
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इनका कहनाः- दिन में डयूटी करके कर्वाटर पर आया था तथा में कुछ काम कर रहा था कि तभी अचानक से छज्जा मेरे पास ही टूट कर के गिर गया। कर्वाटर की हालत जर जर है जिसके लिये कई बार विभाग को भी अवगत करवाया गया है। डाॅ सुनिल ढाका, चिकित्सा अधिकारी, रींगस सीएचसी।