गुरूवार को दलाल मनोज अग्रवाल के भाई ने प्रथम किस्त केे रूप में खाटू में पचास हजार रूपये ले लिये। दूसरी किस्त के रूप में मनाज ने गोविन्दगढ के होटल गोविन्दगढ हवेली में पेसै लेने की बात कही। नाराणय ने एसीबी को सूचना दी तथा पेसै मनोज को दे दिये। मनोज पेसै लेकरे के डिप्टी के सरकारी क्वार्टर पर आया तथा पेसै डिप्टी को दे दिये। बाहर खडी टीम ने डिप्टी को दबोच लिया।
बिगडी तबीयत, जयपुर रैफर
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्यवाही के बाद डिप्टी महराणिया की हालत बिगड गयी। महराणिया का बीपी हाई होने पर उपचार के लिये रींगस सीएचसी से डॉक्टर को बुलाया गया। बाद में हालत गम्भीर होने पर जयपुर रैफर कर दिया गया।
डेढ साल की बची थी नोकरी
रिश्वत लेते पकडे गये डिप्टी नाथूराम महराणिया की नौकरी डेढ साल की ही बची थी। 2015 में महराणियां की सेवानिवृति होनी है। आखिरी वक्त में रिश्वत लेते एसीबी के हत्थे चढने पर नौकरी और प्रतिष्ठा पर दाग लग गया। पुलिस हलके में इस कार्यवाही की चर्चा रही।