छीपाबडौद- कस्बे सहित तहसील क्षैत्र में रक्षाबंधन पर्व धूमधाम से मनाया गया इस उपलक्ष्य में भाइयों ने अपने बहिनों से विश्वास की डोर राखी बंधवाते हुए रक्षा का वचन दिया। रक्षाबंधन पर्व पर बहिने सज-धज कर अपने भाइयों की कलाई में राखियां बांधती नजर आई। और बहिनों ने भाइयों का मुंह मीठा कराया तथा नारियल आदि भी भेंट किए। भाइयों ने भी अपनी बहनों को उपहार आदि भेंट किए। बहिनों ने अपने भाईयों की दीर्घायु की कामना व रक्षा की उम्मीदों के संग उनकी कलाई पर राखी बांधी। जब रेशम की डोर के रूप में बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा तो भाईयो ने भी अपनी बहिनो के सुखद जीवन यापन की कामना व रक्षा हेतु दृढ संकल्पित होते हुए अपनी हैसियत के मुताबिक उपहार दिये। राखीयाँ बांधने व बधंवाने को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। रक्षा बन्धन भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। निजी रिश्तों से आगे बढकर समाज, देश और संस्कृृति की रक्षा के लिए संकल्पबद्घ होने की प्रतिज्ञा भी भाई बहिनों ने ली। इस पावन पर्व पर सभी भाई-बहनों ने मिलकर देश और समाज हित में शांति, सौहार्द्र और सामाजिक समरसता बढ़ाने का संकल्प लिया। रक्षाबधंन के दिन बांधी जाने वाली राखियों में भले ही विदेशी राखियां बाजारों मे आयी हुयी थी परन्तु भारतीय मेटल राखियां तथा खासकर राजस्थानी जरी की राखियों का जलवा अभी भी इस रक्षाबधंन पर बरकरार रहा ।