जयपुर। प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को पीपीपी मोड पर संचालित कराए जाने के फैसले का विरोध कर रहे नर्सिंगकर्मियों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। लाठीचार्ज के दौरान बड़ी संख्या में नर्सिंगकर्मी घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा।
ये नर्सिंगकर्मी स्वास्थ्य भवन पर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रशासन को यह नागवार गुजरा। पुलिस बुलाई और देखते ही देखते लाठीचार्ज शुरू कर दिया। लाठियां जमकर मारी गई। इससे कई नर्सिंगकर्मियों के पांवों में गहरी चोट आई है। यह प्रदर्शन राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन एक्रीकृत की ओर से किया गया था। प्रदेशभर में प्रदर्शन का नेतृत्व एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र राणा कर रहे हैं।
पथराव भी, लाठियां भी
इसी दौरान नर्सिंगकर्मियों ने आक्रोश में पुलिस के ऊपर पत्थर भी फेंकना शुरू कर दिया। नर्सिंगकर्मियों का कहना था कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो आक्रोश में एक-दो पत्थर फेंके गए। हालांकि पुलिस का आरोप है कि जब नर्सिंगकर्मियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी तो उन्हें मजबूरी में हल्के बल प्रयोग का सहारा लेना पड़ा। पुलिस ने कई नर्सिंगकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें सांगानेर थाने ले गई।
दो घंटे काम बंद, मरीज परेशान
इससे पहले राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन की ओर से सोमवार को सुबह आठ बजे से 10 बजे तक (दो घंटे) जिला, तहसील व पंचायत स्तर पर गेट मीटिंग कर विरोध जताया गया। इससे मरीजों को परेशानी हुई। प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाया कि सरकार ने केवल 90 पीएचसी को पीपीपी के तहत दिया है लेकिन कुछ ही दिनों बाद सभी पीएचसी और फिर सीएचसी को पीपीपी के तहत दे दिया जाएगा। यह कंपनियों को फायदा पहुंचाने का तरीका है। यदि सरकार ने अपना रुख नहीं बदला तो आंदोलन तेज होगा।
नहीं करा सके एक भी डिलीवरी
वहीं सरकार का कहना है जिन पीएचसी को पीपीपी के तहत दिया जा रहा है उनमें स्टाफ की काफी कमी है। कई पीएचसी ऐसी हैं जहां पिछले एक वर्ष में एक भी डिलीवरी स्टाफ नही करा सका है। कुछ पीएचसी पर केवल एक से चार डिलीवरी कराई गई हैं। ऐसे में पीपीपी में दिए जाने से वहां चिकित्सा का स्तर सुधरेगा।
इतने पद रिक्त
चिकित्सा विभाग में 10996 डॉक्टर्स के पदों में से 3034 पद रिक्त हैं। वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉक्टर्स के 200, कनिष्ठ विशेषज्ञ डॉक्टर्स के 1415, वरिष्ठ चिकित्साधिकारियों के 352, स्त्री रोग विशेषज्ञों के 181 और आर्थो के 134 पद रिक्त हैं। नर्सिंग स्टाफ के 37927, अधीनस्थ चिकित्सा कर्मियों के 9954 पद रिक्त हैं। ऐसे में पीपीपी में दिया जाना जरूरी है।