रींगस। पटवारी का बास व भारनी गांव को जोडने वाले लिंक मार्ग पर करीब दस माह से दो पक्षों के काश्तकारों ने कब्जा कर मार्ग को अवरूद्व कर रखा था। तहसीलदार सुमन चौधरी ने कई बार मौका देखकर काश्तकारों के साथ समझाइस का प्रयास भी किया था, लेकिन किसानों ने अतिक्रमण नही हटाया। आखिकार शुक्रवार को तहसीलदार चौधरी ने मौके पर पहुचकर रास्ते का सीमाज्ञान कर पत्थरगढ़ी करवाई गई तथा दोनों पक्षों को मार्ग अवरूद्व नहीं करने के लिए पाबंद किया।
इस कार्यवाही के दौरान दोनों पक्षों में आपसी विवाद भी हुआ लेकिन समझाइस कर मामला शांत किया गया। जानकारी के अनुसार भारनी मोड़ से पटवारी का बास जाने वाला रास्ते पर रेलवे लाइन पर ब्रोडगेज कार्य के दौरान फाटक की जगह अण्डरपास बनाया गया था लेकिन फाटक के पास किसान चौथमल जाट, बजरंग लाल, कैलाश, सुरेशकुमार, मुरलीधर जाट, मोतीराम जाट, रामचंद्र, हीरालाल आदि ने दो सौ मीटर रास्ते को अवरूद्व कर रास्ता बंद कर दिया था। जिससे आसपास के लोगों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड रहा था तथा दौ सौ मीटर रास्ते के कारण करीब दस किलोमीटर का का चक् कर लगाकर गांव जाना पड़ रहा था।
इनका कहना है -भारनी एवं पटवारी का बास ग्राम का जो मुख्य रास्ता है उस पर कुछ किसानों ने मार्ग अवरूद्व कर रखा था बार बार समझाइस के बाद भी नहीं मानने पर मार्ग का सीमाज्ञान कर पत्थरगढ़ी कर फर्द तैयार की गई है। सुमन चौधरी, तहसीलदार, श्रीमाधोपुर