सीकर,
24 मई। जिला कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल ने जिला शिक्षा
अधिकारियों व साक्षरता ब्लॉक समन्वयक एवं
साक्षरता से जुड़े विभागों के अधिकारियों से कहा है कि निरक्षर महिलाओं व पुरूषों
को साक्षर करने के लिए ग्राम सेवक, आंगनबाड़ी
की कार्यकर्ता, सहायिका,
आशा सहयोगिनियों, एएनएम
आदि अपनी जिम्मेदारी निभाकर अपने-अपने क्षेत्रों के निरक्षर को हर हालत में साक्षर
करना है।
जिला कलेक्टर बुधवार को जिला निष्पादक समिति
साक्षरता की तिमाही बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने जिला साक्षरता एवं सतत्
अधिकारी को कहा कि जिले के एक ब्लॉक को चयनित कर उसे सम्पूर्ण साक्षर करने का बीड़ा
उठाये। कुछ ग्राम पंचायतों में साक्षरता जनचेतना रैली आयोजित करवायें जिसमें
साक्षरता से जुड़े अधिकारियों का विशेष सहयोग रहेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा,
महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा
आदि विभागों के कर्मचारी ग्रामीणों के सम्पर्क रहते है वे जिले के सभी निरक्षरों
को सम्पूर्ण साक्षर करने के लिए लोगों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि नीमकाथाना
व दांतारामगढ़ में साक्षरता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है जिस प्रकार खुले में
शौच मुक्त का अभियान चला रखा है उसी प्रकार लोगों में सम्पूर्ण साक्षरता के लिए भी
अभियान चलायें।
उन्होंने जिले में एक नवाचार के रूप में
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सुबह शौच के लिए बाहर जाते है उन्हें रोकने के लिए
पटवारी, ग्रामसेवक,
शिक्षक, आंगनबाड़ी
की कार्यकर्ता, सहायिका एवं प्रेरक आदि
ग्राम स्तर के कर्मचारी खुले में शौच नहीं
करने के लिए लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने का प्रयास करें। उन्होंने सभी
विभागीय अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे भी इस कार्य में अपनी भागीदारी
सुनिश्चित करें।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुखवीर चौधरी ने
कहा कि साक्षरता प्रेरकों के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी सम्पूर्ण
साक्षरता अभियान में जागरूकता बढ़ाने में अपना योगदान देंगे।
जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी राकेश
कुमार लाटा ने जिले की सम्पूर्ण साक्षरता मिशन की जानकारी देते हुए बताया कि जिले
में साक्षरता दर 75 प्रतिशत है परन्तु 60
वर्ष से अधिक की महिलाओं की साक्षरता दर कम है। जिले में 329
ग्राम पंचायतों में साक्षरता कार्यक्रम चलाये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अटल
सेवा केन्द्रों में वाचनालय एवं पुस्तकालय का संचालन किया जा रहा है। जिले में 2014
से ये कार्यक्रम चलाये जा रहे है। साक्षरता के लिए
सीकर जिला सम्मानित हो चुका है। उन्होंने बताया कि साक्षरता समन्वयकों द्वारा
साक्षरता के साथ राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का भी
प्रचार-प्रसार किया जाता है।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
विभाग के सहायक निदेशक ओमप्रकाश राड़ ने बताया कि छात्रावासों में रहने वाले बच्चे
अपने अनपढ़ माता-पिताओं को पढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग
के पालनहार योजना के अन्तर्गत विधवाओं, परित्यागता
महिलाओं, विशेष योग्य जन,
अनाथ बच्चे, आजीवन
कारावास एवं एचआईवी पॉजीटीव लोगों के बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी
दी। बच्चों को लाभान्वित करने के लिए एसजेएमएस पॉर्टल पर ई-मित्र केन्द्रों से
आवेदन अपलोड करवा सकते है। जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश प्रसाद शर्मा व दयाल सिंह
यादव ने आश्वस्त किया कि विद्यालयों के शिक्षक एवं उच्च कक्षाओं में पढ़ने वाले
बच्चों द्वारा लोगों को साक्षर करने में पूरा सहयोग करेंगे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.
विष्णु मीणा ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर चिकित्सालयों में कार्यरत कर्मचारियों को
पाबन्द कर असाक्षर लोगों को साक्षरता के लिए प्रेरित करेंगे। महिला अधिकारिता
राजेन्द्र चौधरी ने जिला कलेक्टर को आश्वस्त किया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यरत
कार्मिकों के माध्यम से महिला साक्षरता बढ़ाने के लिए प्रयास किये जाएंगे।
इस अवसर पर ब्लॉक समन्वयक धन्नाराम मीणा,
छगन सिंह शेखावत, फूलचन्द
महरिया, रामसिंह शेखावत,
शंकरलाल, श्रीराम
फोगावट, श्योदान सिंह,
प्रकाश चन्द्र शर्मा, योगेन्द्र
पाल एवं जैनेन्द्र कुमार उपस्थित थे।