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बच्चों को सुरक्षित रखना है - जिला कलेक्टर ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के संबंध में अधिकारियों की ली बैठक

सीकर 24 मई। जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर समीप है और यह बच्चों को प्रभावित करेगी इसलिए सभी को संवेदनशील होकर समग्र रूप से प्रयास करते हुए बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए समस्त आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए पूर्व तैयारी कर लेनी चाहिए।
जिला कलेक्टर चतुर्वेदी सोमवार को अपने चेम्बर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों की बैठक में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के तहत बच्चों में संक्रमण से पूर्व कार्य योजना तैयार करने, आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के संबंध में  संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तर पर एसडीएम, विकास अधिकारी, बीसीएमओ सहित सभी कार्मिक संबंधित ब्लॉक की आवश्यकताओं, संसाधनों से भली भांति परिचित हैं। इसलिए इस आपदा की तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य व जिला स्तरीय निर्देशों का इंतजार न करें बल्कि बच्चों व आमजन के स्वास्थ्य के रक्षण के लिए आवश्यक पूर्व कार्य योजना सहित वांछित संसाधनों की सूची शीघ्रता से भिजवाना सुनिश्चित करें। 
जिला कलेक्टर चतुर्वेदी ने कहा कि कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की नियमित निगरानी, न्यूट्रीशन व मेडिकल किट वितरण की तैयारियां कोर ग्रुप के साथ पूर्ण कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में स्थानीय सरपंच, वार्ड पंच सहित जनप्रतिनिधियों को समस्त बैठकों एवं कार्ययोजना में शामिल कर आमजन को जागरूक किया जाना चाहिए।
जिला कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निर्देश दिये कि एक फार्मेट बनावें ताकि जो भी उपकरण हो उनकों मॉडिफाय करें कि ये बच्चों के काम में लिया जा सकता है अथवा नहीं। जिला कलेक्टर ने सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई प्रियंका पारीक को निर्देश दिए कि डोर टू डोर सर्वे करें तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक के साथ समन्वय स्थापित कर 0 से 6 वर्ष के बच्चों की सूचना संकलित करें । उन्होंने कहा कि  बाल संरक्षण विभागों के छात्रावासों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से करवाया जावें। 
उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि बच्चों के लिए बुखार व  जुकाम की दवा के पियोडेट्रिक रूप से बच्चों के लिए मेडिकल किट तैयार  करें।  कुछ दवाईयां अस्पताल में रखें, कुछ मेडिकल किट फिल्ड में बच्चों को वितरित करने के लिए तैयार करें। 
उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देशित किया कि आंगनबाडी में कितने बच्चे है जो  एनिमिया, विटामिन डी की कमी से ग्रस्ति है उनका डेटा संकलित करें। जिला कलेक्टर ने कहा कि टेलीमेडिसिन की तरह ही बच्चों की बीमारियों से संबंधित जानकारी एवं उपचार  की जानकारी की सुविधा सुलभ हो सके इसके लिए हैल्प लाईन नम्बर निजी चिकित्सकों  द्वारा जारी किये जावें ताकि आमजन इसका लाभ उठा सके। 
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर धारासिंह मीणा,  पीएमओ डॉ. अशोक चौधरी, सीएमएचओ डॉ. अजय चौधरी, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. के.के वर्मा, सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई प्रियंका पारीक, आरसीएचओ डॉ. निर्मल सिंह, डॉ. देवेन्द्र दाधीच, आईसीडीएस उप निदेशक सुमन पारीक, प्रशासनिक सुधार विभाग राकेश लाटा, डॉ. राजेश अग्रवाल सहित संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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